The Ultimate Guide To treatment piles in female
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नियमित रूप से व्यायाम एवं प्राणायाम करें।
बाथरूम में कम समय : एक शोध में बताया गया है कि बवासीर के रोगी शौचालय में अधिक समय बिताते हैं और उन्हें अधिक जोर लगाना पड़ता है। उपयुक्त शौच की आदतें हैं : शौच के दौरान तीन मिनट
नींबू के रस में अदरक और शहद मिलाकर सेवन करें। इससे पाइल्स में फायदा पहुँचता है।
इसे रुई पर लगाकर प्रभावित जगह पर लगाने से काफी राहत मिलती है.
दर्द निवारक दवाएं जैसे एस्पिरिन या इबुप्रोफेन अस्थायी रूप से असुविधा दूर कर सकती हैं।
पुराना कब्ज: मल त्यागने में कठिनाई के कारण बवासीर का विकास हो सकता है।
बवासीर वाली जगह को काटने के लिए स्केलपेल का उपयोग करना।
बादी बवासीर में पेट की समस्या अधिक रहती है। कब्ज एवं गैस की समस्या बनी ही रहती है। इसके मस्सों में रक्तस्राव नहीं होता। यह मस्से बाहर आसानी से देखे जा सकते हैं। इनमें बार-बार खुजली एवं जलन होती है। शुरुआती अवस्था में यह तकलीफ more info नहीं देते, लेकिन लगातार अस्वस्थ खान-पान और कब्ज रहने से यह फूल जाते हैं। इनमें खून जमा हो जाता है, और सूजन हो जाती है।
वात पित्त और कफ को संतुलित करने के तरीके
हर रोज़ गुनगुने पानी में बैठकी स्नान करें, इससे सूजन और दर्द कम होता है।
बवासीर के लिए आयुर्वेद में पंचकर्म एक प्रभावी चिकित्सा पद्धति है।
खान-पान की आदतें, कब्ज, मसालेदार खाना और शराब-सिगरेट जैसी चीज़ें इसके बड़े कारण हैं. डॉक्टर मानते हैं कि समय रहते अगर इलाज और लाइफस्टाइल में बदलाव किया जाए तो इससे आसानी से राहत मिल सकती है. आइए समझते हैं बवासीर के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके.
आराम पाने के लिए आराम, पौष्टिक आहार और सफाई का ध्यान रखें।
बवासीर को जड़ से खत्म कैसे किया जाता है?